ब्रिटे�-भारत विज्ञा� तथ� नवाचार सहभागिता
विश्वविद्याल� तथ� विज्ञा� मंत्री जो जॉनस� ब्रिटे�-भारत विज्ञा� तथ� नवाचार कार्यक्रमो� का विवर� देते हैं।

शु� संध्या तथ� स्वागत� यहां अपने दोनो� देशो� के बी� जारी सहभागिता पर खुशी मनान� के लि� उपस्थि� होते हु� मै� अत्यंत गौरवान्वित हू�, जिसक� माध्यम से हम आप� मे� और घनिष्ठ हो रह� हैं।
यह शेवनिं� कार्यक्र� इस सहभागिता का एक सुनहरा उदाहरण है, अत� यहां इसके इतने छात्रो� को देखक� खासतौर पर खुशी हो रही है� वास्तव मे�, मुझे यह कहते हु� प्रसन्नत� हो रही है कि गत वर्ष 2.4 मिलियन पौंड की वित्तपोष� बढोत्तरी के सा� भारत मे� संचालि� यह कार्यक्र� अभी दुनिया मे� सबसे बड़� है, जिसस� कि आज हम भारत के श्रेष्� और सर्वाधिक प्रतिभाशाली छात्रो� को 130 की संख्या तक पूर्णत� वित्तपोषित छात्रवृत्तियां प्रदान कर सकते हैं।
शेवनिं� साइं� तथ� इनोवेश� प्रोग्रा� मे� हमें रॉल्� रॉयस से सहायता प्राप्� होती है, जो दुनिया की एक जानी-मानी इंजीनियरिं� कंपनी है� वे हमार� छात्रो� को ऑक्सफोर्� विश्वविद्याल� मे� लेते है�, जिसे हा� ही मे� दुनिया का सर्वश्रेष्� विश्वविद्याल� घोषि� किया गय� है�
और हा� मे� विश्वविख्यात किंग्स कॉले� मे� नए तौ� पर प्रारं� फाइनेंशियल सर्विसेज फेलोशि� प्रोग्रा� को बैंकिं� क्षेत्� के दिग्गज स्टैंडर्� चार्टर्ड द्वारा प्रायोजि� किया जा रह� है�
मै� अपने कार्� मे� अत्यंत भाग्यशाली रह� हू� कि मुझे वे बेहतरी� परिणाम देखन� को मिले, जो दुनियाभर मे� न्यूटन फं� के परिणामस्वरूप सहभागिताओं के रू� मे� सामन� आए�
न्यूटन भाभा फं� के परिणाम खासतौर पर उत्साहजन� रह� है�, और इनकी सराहना करते हु�, मुझे यह घोषण� करते हु� प्रसन्नत� हो रही है कि 1 मिलियन पौंड की प्रथ� न्यूटन पुरस्कार प्रतियोगित� यहां भारत मे� आयोजित होगी�
यह प्रतियोगित� जन-स्वास्थ्� और कल्याण पर केंद्रित है, जिसक� तह� एंटी-माइक्रोबिय� प्रतिरोध, रो�, स्वास्थ्�-देखभाल, तथ� पोषण जैसे मुद्दे सम्मिलित हैं। इसके लि� नामांक� फरवरी 2017 तक होंग�, और रॉयल सोसाइटी के प्रेसिडेंट, सर वेंकी रामाकृष्णन की अध्यक्षत� मे� एक विशेषज्ञ पैनल इसके तुरं� बा� विजेताओं की घोषण� करेगा।
इसी तर�, हमने न्यूटन भाभा फं� को 2020 तक 20 मिलियन पौंड तक दुगुना करने का संकल्प किया है� इसका तात्पर्य है कि हम 21वी� सदी की बड़ी वैश्वि� चुनौतियो� का सामन� करने के लि� और अधिक उच्चकोटि के कार्यक्र� और प्रयास प्रारं� कर पाएंगे�
और न्यूटन भाभा फं� का शुक्रिया, कि हमने इसकी शुरुआत कर दी है�
हमें ज्ञा� है कि हमारी दुनिया का भविष्य ऊर्ज� के भविष्य के सा� गहरा� से जुड़ा है� यह एक कराधान-संबंधी* मुद्दा है, यही कारण है कि हम स्वच्छ ऊर्ज� के क्षेत्� मे� यह ज्वाइं� वर्चुअ� सेंट� स्थापि� कर रह� है�: यह रिसर्च काउंसि� यूके (आरसीयूके) तथ� भारत के विज्ञा� और प्रौद्योगिकी विभा� (डीएसटी) के बी� एक सहभागिता है जो स्मार्� ग्रिडो� तथ� ऊर्ज� स्रोतो� को जोड़न� मे� आनेवाली समस्याएं हल करने के लि� सा� मिलक� का� करेंगे�
हम निर्मि� पर्यावरण मे� ऊर्ज� मांग का स्तर कम करने के उद्देश्य से संयुक्� शो� हेतु एक आह्वान की शुरुआत भी करनेवाले है�- जो ऊर्ज� को और अधिक सुरक्षित तथ� सस्त� बनान� के सा� ही कार्बन उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य की भी पूर्ति करेगा।
हम उद्योग क्षेत्� के सा� मिलक� हमार� संयुक्� अकादमि� पुरस्कारों मे� और वृद्धि लाने के लि� भी लगातार का� कर रह� हैं। आरसीयूके, इन्नोवेट यूके तथ� डीएसटी, औद्योगिक अपशिष्टो� की सफाई, प्रसंस्करण तथ� वही� उपयो� मे� लाने के उद्देश्य से नवाचारी जैवप्रौद्योगिकी उपायों पर केंद्रित एक नए व्यावसाय आधारित कार्यक्र� की घोषण� कर रह� हैं।
लेकि� हमें कार्बन उत्सर्जन को ही पर्यावरण के लि� एकमात्� मुद्दा नही� मानन� चाहिए।
पर्यावरण प्रदूष� एक रोजाना की स्वास्थ्� समस्या है, और वायुप्रदूष� के खतरे तथ� इसके प्रभावों को पूरी तर� समझन� जरूरी है� इसीलि� मुझे यह घोषि� करते हु� खुशी हो रही है कि इस कार्यक्र� के तह� वित्तपोषित पहले चर� की परियोजनाएं वायु प्रदूष� तथ� मानव स्वास्थ्� पर आधारित हैं।
यह दु� की बा� है कि केवल हव� ही नही�, जिसे सुधारन� की जरूर� है� स्वच्छ पेयज� स्रोतो� की उपलब्धता भी बेहद जरूरी है� इस� संभव बनान� के उद्देश्य से, आरसीयूके तथ� भारत के डीएसटी सा� मिलक�, भारत के स्वच्छ गंगा हेतु राष्ट्री� मिशन के समर्थन मे� जल की गुणवत्ता सुधारन� के उद्देश्य से, अंतर्विषयक अनुसंधान का एक कार्यक्र� शुरू करने जा रह� हैं।
इस परिदृश्य को और बेहत� बनान� मे� पोषण तथ� स्थायी खाद्� सुरक्ष� की बड़ी भूमिका हो सकती है, अत� यह देखन� उत्साहजन� है कि न्यूटन भाभा कार्यक्र� द्वारा वित्तपोषित प्रथ� परियोजनाएं, उत्पाद� पश्चात खाद्� हानि को कम करने के नए व्यावसायिक समाधान तलाशने के लि� हैं।
इस पृष्ठभूम� मे� स्वास्थ्� एक गंभी� मसला बन सकता है� लेकि� हम बीमारी तथ� रोगो� से लड़ने के उद्देश्य से अनुसंधान कार्� भी प्रारं� कर रह� हैं।
हम यूके-इंडिया ज्वाइं� ग्लोबल रिसर्च प्रोग्रा� के द्विती� चर� की शुरुआत करने जा रह� है�, जो महिलाओ� और उनके जन्म लेनेवाले शिशुओं हेतु मातृत्� संबंधी समस्याओं पर केंद्रित होगा�
और हम एंटी-माइक्रोबिय� प्रतिरोध या एएमआ� पर भी गौ� कर रह� हैं। इससे लड़ना एक दुःसाध्य कार्� होगा, इसलि� मै� यहां नई दिल्ली मे� कल एएमआ� पर आरसीयूके-इंडिया रणनैति� समूह की प्रथ� बैठक का उद्घाट� करने की उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा कर रह� हूं।
ये सभी वास्तविक रू� से बड़ी घोषणाए� है�, जो हमार� दोनो� वैज्ञानि� समुदायों के बी� संबं� की गहनत� तथ� सहयो� की दृढ़त� प्रदर्शि� करती हैं।
किंत� यह केवल विज्ञा� की बा� नही� है- हमारी संस्कृतिया� तथ� विरासतें भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। ब्रिटि� लाइब्रेरी भारती� पुस्तकों के अपने सूचीपत्र का डिजिटल स्वरूपीकर� कर रही है, और जरूर� पड़ने पर इससे भारती� शोधार्थियो� की कई पीढ़ियो� को भाषाओं के परिवर्तन, खो� हु� भाषाओं तथ� सामाजि� ताने-बाने के विवि� प्रकारों की खो� करने मे� सहूलिय� होगी�
यही वज� है कि हमारी सहभागिता के प्रत� मेरी सरका� की प्रतिबद्धत� के आलोक मे� हमने लाइब्रेरी के डिजिटल स्वरूपीकर� कार्यक्र� की क्षमता बढ़ान� के लि� और अधिक आध� मिलियन पाउं� जारी करने की स्वीकृति प्रदान की है�
मेरा दृ� विश्वा� है कि यह संबं� जो हम इन सभी उत्कृष्ट कार्यक्रमो� के जरिए सृजि� कर रह� है�, जिनक� मैंन� आज की संध्या उल्लेख किया है, हमार� भावी सहयो� की आधारशिला साबि� होंगे।